Pm Vishwakarma Yojana Status Check 2024: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, भारत सरकार द्वारा कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है।इस योजना को माननीय प्रधानमंत्री श्री नंरेन्द्र मोदी के द्वारा एक 17 सितम्बर, 2024 को शुरू किया गया था। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा छोटे कारीगर या जो कारीगर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते है उन लोगो को प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण पूरा होने पर सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिससे आप कही भी नौकरी प्राप्त कर सकते है। इसके साथ में 15,000 रूपये की आर्थिक सहयोग भी किया जाएगा।आपको बता दे की सरकार व्यवसाय बढ़ाने के लिए या शुरू करने के लिए कारीगरों और शिल्पकारो को 3 लाख का ऋण प्रदान किया जा रहा है।
इस योजना का लाभ आज कही लोग उठा रहे है और इसके लिए आवेदन करते है, लेकिन कई लोगों को इसके लाभ प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस लेख में, हम इन समस्याओं के कारणों और उनके समाधान के साथ-साथ ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे।
योजना का विवरण
विशेषताए | जानकारी |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना |
लॉन्च दिनांक | 17 सितम्बर, 2023 |
लाभार्थी | कारीगर और शिल्पकार |
व्यवसाय की संख्या | 18 प्रकार के व्यवसाय |
लोन की राशि | 3 लाख रूपये का लोन |
ब्याज दर | 5% प्रति वर्ष |
टूलकिट प्रोत्साहन राशि | 15,000 रूपये |
पीएम विश्वकर्मा योजना
इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद मोदी जी ने शुरू कीया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य है की, उन छोटे कारीगरों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद करना है, जिनके पास स्किल्स तो हैं, लेकिन काम करने के लिए पूंजी और संसाधनों की कमी है। इस योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण, औजार और ऋण प्रदान किया जाएगा।
इस योजना के माध्यम से 3 लाख रूपये तक का आर्थिक सहयोग किया जा सकता है। इस राशि से अपना रोजगार शुरू कर सकते है या फिर खुद का भी बिजनेस भी शुरू कर सकते है ।
इस योजना के तहत कुल 18 कारीगर और शिल्पकारो के लिए केटेगरी दी गई है आगर आप भी इस केटेगरी में आते है तो आप भी आवेदन कर सकते है। जिस केटेगरी में आप आवेदन करेंगे उस केटेगरी में आपको ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। इस योजना के माध्यम से 3,00,000 रूपये तक का लोन भी दिया जाएगा, वो भी 5% ब्याज रेट पर जो आपको काफ़ी आसानी से मिल जाएगा।
लाभ
- आर्थिक सहायता: पारंपरिक कारीगरों को उनके कार्यक्षेत्र के विकास के लिए 15,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।
- व्यवसायिक ऋण: कारीगरों को कम ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (प्रथम चरण) और 2 लाख रुपये (द्वितीय चरण) तक का ऋण उपलब्ध कराया जाता है।यह ऋण उनके व्यवसाय के विस्तार और उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।
- प्रशिक्षण और कौशल विकास: इस योजना के तहत लाभार्थी को 5 दिनों तक का प्रशिक्षण दिया जाता है।प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
- सर्टिफिकेट और पहचान: लाभार्थियों को “विश्वकर्मा” प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड प्रदान किया जाता है।
- बाजार तक पहुंच: सरकार द्वारा बनाए गए प्लेटफॉर्म और योजनाओं के माध्यम से कारीगरों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाता है।
आवेदन प्रक्रिया
- इसके लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना पड़ेगा।
- इसके बाद आपको ऑनलाइन आवेदन लिंक पर क्लिक करे।
- अब आवेदन फॉर्म खुलेगा, जिसमे आपसे जो जानकारी माँगी गई है, सही से भर दे।
- इसके बाद आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड कर दे।
- पंजीकरण करने के बाद आपको पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र मिलेगा।
लाभ न मिलने के कारण
- अधूरी या गलत जानकारी: आवेदन करते समय सही दस्तावेज़ न देना।
- योग्यता का अभाव: योजना के लिए पात्रता मानदंडों को पूरा न करना।
- तकनीकी समस्याएँ: पोर्टल पर आवेदन करते समय तकनीकी गड़बड़ी।
- अधिक जागरूकता का अभाव: कई लाभार्थियों को योजना की पूरी जानकारी नहीं है।
समाधान
- सही दस्तावेज़ जमा करें: आवेदन करते समय सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की सही जानकारी दें।
- योग्यता की पुष्टि करें: योजना के लिए पात्रता मानदंडों को ध्यान से पढ़ें।
- तकनीकी सहायता लें: किसी समस्या के आने पर हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी सहायता केंद्र से संपर्क करें।
- योजना के बारे में जानकारी बढ़ाएँ: सरकारी वेबसाइट और प्रचार माध्यमों से योजना की जानकारी प्राप्त करें।
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