Bhagya Lakshmi Yojana 2025: देश में बेटियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें कई योजनाएं चला रही हैं। इन्हीं में से एक बेहद लोकप्रिय योजना है ‘भाग्यलक्ष्मी योजना’। इस योजना का उद्देश्य बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि उनकी पढ़ाई और भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके। इस योजना के माध्यम से बेटियों के जन्म के वक्त सरकार द्वारा 50 हज़ार रूपये का बांड मिलता है, जो बेटी के 21 वर्ष के होने पर 2 लाख रूपये का हो जाता है।
अगर आपके घर में भी बेटी ने जन्म लिया है तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते है। आज आपको इस लेख के माध्यम से इस योजना के बारे में विस्तार से बाताया जाएगा, तो लेख को अंत तक अवश्य पढ़े।
भाग्यलक्ष्मी योजना क्या है?
दोस्तों भाग्यलक्ष्मी योजना को शुरू करने का श्रेय उत्तर प्रदेश राज्य सरकार को जाता है। इस योजना को वर्ष 2006 में तत्कालिन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव द्वारा शुरू की गई थी। इसके बाद अन्य सरकारो ने भी इस योजना को सक्रीय रूप से चालू रखा और समय-समय पर जरूरत के अनुसार इस योजना में बदलाव किए गए। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है राज्य में लिंगानुपात में सुधार लाया जा सके, जिससे भ्रूण हत्या को रोका जा सके और इसके साथ में गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बेटियों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जा सके।
उद्देश्य
इस योजना को शुरू करने के पीछे कही उद्देश्य निर्धारित किए गए है, जो निम्नलिखित है:
- बालिका जन्म दर को बढावा देना- केवल उत्तर प्रदेश राज्य में ही नही अपितु भारत के कही सारे राज्यों में बेटियों की तुलना में बेटे अधिक है, इसलिए इस योजना के माध्यम से बेटियों के जन्म को बढ़ावा दिया सके।
- भ्रूण हत्या का रोकथाम- इस योजना के माध्यम से बेटियों के जन्म पर आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है, जिससे समाज की सबसे बड़ी कुरीति भ्रूण हत्या को रोका जा सके।
- शिक्षा को बढ़ावा- बालिका को हर कक्षा में पढाई करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे माता-पिता पर आर्थिक बोझ न पड़े।
- बाल विवाह को रोकना
- समाज में बेटा-बेटी की बीच में हो रहे भेदभाव को रोकना।
पात्रता
- आवेदक करने वाली बालिका स्थायी रूप से उत्तर प्रदेश राज्य की निवासी होनी चाहिए।
- बालिका का जन्म किसी भी पंजीकृत अस्पताल में होना चाहिए।
- बालिका की शादी 18 वर्ष के बाद होनी चाहिए।
- परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होना चाहिए।
- परिवार बीपीएल श्रेणी में आते हो।
- परिवार की वार्षिक आय 2 लाख से कम होनी चाहिए।
- बालिका को नियमित रूप से अध्ययन करवाना होगा।
- बालिका का समय पर टीकाकरण करवाना होगा।
- इस योजना का लाभ एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों को ही दिया जाएगा।
लाभ राशि
इस योजना के माध्यम में बेटियों को जन्म से लेकर 21 वर्ष की आयु तक विभिन्न किस्तों के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी। कुल मिलकर 9 किस्तों में राशि प्रदान की जाएगी।
- बालिका के जन्म पर- बालिका के जन्म पर कुल 50,000 रूपये की फिक्स डिपाजिट बालिका के नाम पर की जाएंगी।
- 1 वर्ष का होने पर टीकाकरण- 1 वर्ष के होने पर टीकाकरण करने पर 1000 रूपये की सहायता की जाएगी।
- 2 वर्ष का होने पर टीकाकरण- 2 वर्ष के होने पर टीकाकरण करने पर 1000 रूपये की सहायता की जाएगी।
- कक्षा 1 में प्रवेश लेने- कक्षा 1 में एडमिशन लेने पर 2000 रूपये की सहायता दी जाएगी।
- कक्षा 3 में प्रवेश लेने- कक्षा 3 में एडमिशन लेने पर 2000 रूपये की सहायता दी जाएगी।
- कक्षा 6 में प्रवेश लेने- कक्षा 6 में एडमिशन लेने पर 3000 रूपये दिए जाएंगे।
- कक्षा 8 में प्रवेश लेने- कक्षा 8 में एडमिशन लेने पर 5000₹ की सहायता दी जाएगी।
- कक्षा 10 में प्रवेश लेने- कक्षा 1 में एडमिशन लेने पर 7000₹ रूपये की सहायता दी जाएगी।
- 18 वर्ष की आयु- बालिका अगर 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेती है और वो अविवाहित है तो उसे 5000₹ फिक्स्ड डिपाजिट मैच्युरिटी राशि ब्याज के साथ दी जाती है।
आवश्यक दस्तावेज
- बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
- माता-पिता का आधार कार्ड
- बीपीएल राशन कार्ड
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- टीकाकरण कार्ड
- बैंक खाता
- विद्यालय में प्रवेश प्रमाण पत्र
- पिछली कक्षा की मार्कशीट
- आय प्रमाण पत्र
- पास पोर्ट साइज्ड फोटो
आवेदन प्रक्रिया
आपको बता दे की आप इस योजना के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से आवेदन कर सकते हो। आज आपको इस लेख में ऑफलाइन माध्यम से आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
- अपने निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय में संपर्क करें।
- निर्धारित फॉर्म भरकर उसके साथ में आवश्यक दस्तावेज सलंग कर संबंधित विभाग में जमा करें।
- दस्तावेजों की जांच के बाद पात्र परिवारों को योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
निष्कर्ष
भाग्यलक्ष्मी योजना न सिर्फ बेटियों के लिए आर्थिक सहारा है बल्कि यह समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा देती है। यदि आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है और आप पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं।
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